आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jazba e mohabbat raza ilahi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "jazba e mohabbat raza ilahi ebooks"
ग़ज़ल
इलाही जज़्ब-ए-मोहब्बत में दे असर इतना
कलेजा थाम ले वो भी जो बे-क़रार हूँ मैं
मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम
ग़ज़ल
जो हो सकता है उस से वो किसी से हो नहीं सकता
मगर देखो तो फिर कुछ आदमी से हो नहीं सकता
दाग़ देहलवी
ग़ज़ल
हिजाब-ए-राज़ फ़ैज़-ए-मुर्शिद-ए-कामिल से उठता है
नज़र हक़-आश्ना होती है पर्दा दिल से उठता है
शेर सिंह नाज़ देहलवी
ग़ज़ल
क्या दिलकशी है अंजुम-ओ-ख़ुर्शीद-ओ-माह में
ऐसे न जाने कितने हैं इस जल्वा-गाह में
कैफ़ मुरादाबादी
ग़ज़ल
मैं ही नहीं हूँ बरहम उस ज़ुल्फ़-ए-कज-अदा से
टुक मुँह तिरा जो पाएँ उलझें अभी हवा से